मुहूर्त हिन्दू धर्म में समय मापन की एक इकाई है। किसी भी कार्य में पूर्ण सफलता पाने के लिए उस कार्य को एक विशेष समय पर किया जाता है किसी भी प्रकार के मंगल कार्य करने के लिए सबसे पहले मुहूर्त देखा जाता है।
अमृत/जीव महूर्त और ब्रह्म मुहूर्त बहुत श्रेष्ठ होते हैं ; ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से पच्चीस नाड़ियां पूर्व, यानि लगभग दो घंटे पूर्व होता है। यह समय योग साधना और ध्यान लगाने के लिये सर्वोत्तम कहा गया है। दिन व रात मिलाकर 24 घंटे के समय में, दिन में 15 व रात्रि में 15 मुहूर्त मिलाकर कुल 30 मुहूर्त होते हैं अर्थात् एक मुहूर्त 48 मिनट (2 घटी) का होता है।
मुहूर्त का नाम | समय प्रारंभ | समय समाप्त |
रुद्र | 06.00 | 06.48 |
आहि | 06.48 | 07.36 |
मित्र | 07.36 | 08.24 |
पितृ | 08.24 | 09.12 |
वसु | 09.12 | 10.00 |
वराह | 10.00 | 10.48 |
विश्वेदेवा | 10.48 | 11.36 |
विधि | 11.36 | 12.24 |
सप्तमुखी | 12.24 | 13.12 |
पुरुहूत | 13.12 | 14.00 |
वाहिनी | 14.00 | 14.48 |
नक्तनकरा | 14.48 | 15.36 |
वरुण | 15:36 | 16:24 |
अर्यमा | 16:24 | 17:12 |
भग | 17:12 | 18:00 |
गिरीश | 18:00 | 18:48 |
अजपाद | 18:48 | 19:36 |
अहिर बुध्न्य | 19:36 | 20:24 |
पुष्य | 20:24 | 21:12 |
अश्विनी | 21:12 | 22:00 |
यम | 22:00 | 22:48 |
अग्नि | 22:48 | 23:36 |
विधातॄ | 23:36 | 24:24 |
कण्ड | 24:24 | 01:12 |
अदिति | 01:12 | 02:00 |
जीव/अमृत | 02:00 | 02:48 |
विष्णु | 02:48 | 03:36 |
युमिगद्युति | 03:36 | 04:24 |
ब्रह्म | 04:24 | 05:12 |
समुद्रम | 05:12 | 06:00 |
No comments:
Post a Comment